डिजिटलीकरण से सरल होगी फर्जी व दोहरे राशन कार्डों की जांच

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शिमला, 15 मई। हिमाचल प्रदेश सरकार पारदर्शी और तत्पर प्रशासन की परिकल्पना के साथ जन कल्याण की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश के लोगों को आवश्यक वस्तुएं उचित दरों पर उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार है। हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के 117 थोक गोदामों का एक मजबूत नेटवर्क है और राज्य में खुदरा उचित मूल्य की दुकानों की कुल संख्या 5,078 है, जो राज्य की लक्ष्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सबसे मजबूत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के रूप में स्थापित करती है।
इन 5,078 उचित मूल्य की दुकानों में से 3,285 सहकारी क्षेत्र द्वारा, 19 उचित मूल्य की दुकानें पंचायतों द्वारा 65 एचपीएससीएससी लिमिटेड द्वारा, 1685 उचित मूल्य की दुकानें व्यक्तिगत रूप से तथा 24 उचित मूल्य की दुकानें महिला मंडलों/स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित की जा रही हैं। यह प्रणाली समाज के कमजोर वर्गों को आवश्यक वस्तुओं को उचित दरों पर उपलब्ध करवाने में वरदान सिद्ध हुई है।
राज्य सरकार प्रणाली में दक्षता बढ़ाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य वितरण प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण और स्वचालन को बढ़ावा प्रदान कर रही है। इस योजना में इसे और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए राशन कार्डों का डिजिटलीकरण शामिल है। अब तक 19.08 लाख राशन कार्डों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। पूरे राज्य में उचित मूल्य की दुकानों के स्वचालन के लिए सभी उचित मूल्य की दुकानों पर एंडरॉयड आधारित डिवाइस भी स्थापित किए गए हैं।
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार के लिए ‘एंड-टू-एंड कंप्यूटरीकरण’ लागू कर रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्य सामग्री की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के लिए विभागीय अधिकारियों व क्षेत्रीय निरीक्षकों को थोक दुकानों, आटा चक्की व उचित मूल्य की दुकानों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, पूरे राज्य में रसोई गैस का सुचारू वितरण भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
प्रदेश मंे एपीएल, बीपीएल अंत्योदय अन्न योजना, अन्नपूर्णा योजना के तहत कार्ड धारकों को आवश्यक वस्तुओं का वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। पूरे राज्य में सभी उचित मूल्य की दुकानों पर सभी राशन कार्ड धारकों को आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन डी युक्त खाद्य तेल भी वितरित किया जा रहा है।
उत्पादों की बिक्री में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उचित मूल्य की दुकानों पर प्वाइंट ऑफ सेल्स मशीनें स्थापित की गई हैं। इसके अलावा आधार सीडिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है, अब पात्र उपभोक्ताओं की पहचान करने में आसानी होगी। इससे राज्य में फर्जी और दोहने राशन कार्डों की जांच होगी।

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