निजी संपत्तियों का 4 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान

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शिमला, 13 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने आज यहां कहा कि 8 व 9 जुलाई को हुई भारी बारिश के कारण राज्य में अत्यधिक नुकसान हुआ है जिसमें लोगों के जानमाल की क्षति हुई। इस प्राकृतिक आपदा के कारण सड़कों, पुलों और लोगों की निजी संपत्ति को 4000 करोड़ रूपये से भी अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस स्थिति को खुद भी बहुत ज्यादा चिंतित एवं गंभीर हैं और वे स्वयं प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राहत कार्यों का निरीक्षण एवं उनका जायजा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री पिछले चार दिन से मंडी, कुल्लू और मनाली में डटे हुए हैं और राहत शिविरों में लाकर प्रभावित लोगों से मिल कर उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दे रहे है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी राहत कार्यों का जायजा लेे रहे हैं।
नरेश चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को दूरभाष कर उनसे हालात का जायजा लिया है और संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश को हरसंभव मदद देने का भी आश्वासन दिया है। एन.डी.आर.एफ. की टीमें भी रेस्कयू ऑपरेशन के लिए तैनात की गई हैं।
मीडिया सलाहकार ने कहा कि कुल्लू और मनाली में काफी पर्यटक फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को भी युद्धस्तर पर कार्य करने के कड़े निर्देश दिए हैं। प्रदेश में जहां जहां भी भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं हुई और वहां सारी मशीनरी राहत कार्यों में जुटी हुई है। चन्द्रताल में लगभग 300 पर्यटक फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि आज प्रातः राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के माध्यम से मुख्यमंत्री को सूचना मिली कि 18 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वे चन्द्रताल तक पहुंच गए हैं और 42 लोगों को रेस्कयू किया गया है जिन्हें किन्नौर के रास्ते सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं। बी.आर.ओ. की टीम भी राहत कार्यों में जुटी हुई है।
उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण सड़कें टूटी हैं और संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ गई है। कुल्लू, मनाली और लाहौल-स्पीति में फंसे 70 हजार लोगों में 60 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका और शेष फंसे 10 हजार लोगों को भी निकालने के भी प्रयास किए जा रहे हैं जिन्हें सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा। कुल्लू जिले के कसोल में फंसे विदेशी पर्यटकों को भी सुरक्षित निकाला गया है। जिले के सैंज में लोगों को खाने की समस्या आ रही थी और मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित लोगों तक खाद्य वस्तुएं पहुंचाई गई।
मुख्यमंत्री पिछले चार दिन से प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर हैं और स्वयं राहत कार्यों का जायजा ले रहे हैं। आज वे थुनाग आज जाएंगे जहां बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। उसके बाद मुख्यमंत्री कड़छम और सांगला भी जाएंगे क्योंकि वहां भी बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। मुख्यमंत्री जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लोगों को साथ लेकर व्यक्तिगत रूप से लोगों से मिल रहे हैं और उनके दुख सांझा कर रहे हैं।
नरेश चौहान ने कहा कि यह आपदा बहुत बड़ी है। सड़कों व पुलों की मरम्मत के अतिरिक्त ठप पड़ी बिजली, पानी और संचार व्यवस्था को दुरस्त करने का पर युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है ताकि प्रभावित लोगों को राहत प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि यद्यपि अब स्थिति नियंत्रण में हैं और राज्य एवं जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं जहां पूरी निगरानी रखी जा रही है। धीरे-धीरे हालात बेहतर हो जाएंगे।
उन्होंने केंद्र सरकार से प्रदेश में हुई इस भारी क्षति की भरपाई के लिए दिल खोलकर प्रदेश की आर्थिक मदद करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं और उनका हिमाचल से गहरा नाता रहा है इसलिए प्रदेश सरकार और हिमाचल के लोग उनसे भरपूर आर्थिक सहायता के लिए आशान्वित हैं। उन्होंने विपक्ष के नेताओं से भी अपील की कि वे केंद्र सरकार से इस मामले को उठाएं ताकि लोगों के पुनर्वास और क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पेयजल योजनाओं की भरपाई के लिए प्रदेश को अधिकाधिक सहायता प्राप्त हो सके।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री वाहन रवाना

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