नशे के खिलाफ मिलकर कार्य करने का आह्वान

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शिमला, 7 नवंबर। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में आज राजभवन में विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ विशेष विचार-विमर्श सत्र का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने सभी प्रतिनिधियों का राजभवन में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता और संगठनात्मक एकता ही हमारे राष्ट्र की पहचान है। समाज का नेतृत्व सामाजिक संगठन ही करते हैं क्योंकि उनकी बात ही समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचती है। ‘राजा’ को दण्ड देने का कार्य सामाजिक संगठन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सबके मन में है और राष्ट्र निर्माण के लिए सभी प्रयत्नशील हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि भावी पीढ़ी के विकास के लिए संस्कार देने का काम सभी संगठन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तकनीकी का उपयोग करके हम आपस में जुड़ सकते हैं ताकि एक दूसरे के कार्यक्रमों का हिस्सा बन सकें। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थिति हमें कुछ करने के लिए प्रेरित कर रही है। यदि हम इस दिशा में नहीं बढ़ेंगे तो हम अपना नुकसान करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें समाज के लिए कुछ करना है और इस कार्य में और गति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज का युवा नशे की चपेट मेें है उसे इस नशे से बचाने के लिए सभी को चिंता करने की आवश्यकता है। भावी पीढ़ी को इस बुराई से बचाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना है, इसी में राष्ट्र का हित है।
विचार-विमर्श सत्र के दौरान सभी संगठनों द्वारा अपने स्तर पर किए जा रहे सामाजिक कार्यों से राज्यपाल को अवगत करवाया गया। उन्होंने संगठन की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कोरोना काल में किए गए विशेष कार्यों का उल्लेख भी किया। ज्यादातर प्रतिनिधियों ने सामाजिक समरसता तथा मिलजुलकर सक्रिय तौर पर कार्य करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी में नैतिक मूल्यों का संचार करने के लिये संगठित तौर पर कार्य करने के लिये क्या किया जा सकता है, इस पर विचार किया जाना चाहिए।

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