पीसीएस का रिजल्ट, अभ्यर्थियों में हताशा और गुस्सा

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  • हायर रैंकिंग वाले अभ्यर्थी भी लोयर रैंक के लिए फेल घोषित
  • लोकसेवा आयोग के सदस्य मिटिंग-मिटिंग खेल रहे

कल देर शाम को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया। लगभग पांच साल बाद पीसीएस की परीक्षाएं हुई। पीसीएस की कट आफ को लेकर अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है। परिणाम के पैटर्न को लेकर भी सवाल हैं। मसलन उच्च पदों के लिए सामान्य महिला के लिए 79 प्रतिशत कट आफ है। यदि किसी के 76 प्रतिशत हैं तो उसे निम्न श्रेणी के पदों के लिए योग्य नहीं घोषित किया गया है। जबकि उसके पास संबंधित पद के लिए अनिवार्य योग्यता है। महिला पदों के लिए अनारक्षित श्रेणी अलग-अलग कर दी गयी। और हायर रैंक लाने वालों को इसमें शामिल नहीं किया गया। अभ्यर्थियों का तर्क है कि यूपीएससी की तर्ज पर मेरिट लिस्ट बननी चाहिए।
इस संबंध में मैंने आयोग के हरिद्वार स्थित कार्यालय में कई बार फोन किया लेकिन अधिकांश फोन स्विच आफ मिले। अहम बात यह है कि ये सभी नंबर लैंडलाइन हैं। आखिरकार लगभग साढ़े पांच बजे आयोग के पीबीएक्स पर किसी ने फोन उठाया। मैंने चेयरमैन से बात करने को कहा तो साफ मना कर दिया गया। सचिव कर्मयेंद्रु सिंह से बात करने को कहा तो उनके सचिव ने कहा कि बात नहीं हो सकती। मिटिंग चल रही है। यह जानकर खुशी हुई कि आयोग के आफिस में साढ़े पांच बजे सचिव किसी मिटिंग में हैं। खैर, मुझे सलाह दी गयी कि हर सवाल का जवाब मिलेगा। कल सुबह 11 बजे फोन करना।
मैं तो इन्तजार कर लूंगा, लेकिन जिन अभ्यर्थियों ने पांच साल तक पीसीएस परीक्षा के लिए इंतजार किया और अब उनके कई सवाल हैं जिनका जवाब आयोग को देना है, उनकी रात भला कैसे कटेगी? कुछ मिलाकर अभ्यर्थी मान रहे हैं कि रिजल्ट में झोल है।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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