ओय राजू, ऐतबार न करना, नेता तो झूठ बोलते हैं!

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  • हरदा ने राजू से पहले छीन ली चाकलेट, अब पकड़ा दी ईमानदारी की लॉलीपॉप

राजू नाम ही ऐसा है कि बड़ा होने के बावजूद भी लोग उसे छोटा ही समझते हैं। सोचते हैं, राजू है, छोटा ही तो है, झुनझुना पकड़कर खुश हो जाएगा। ऐसा ही इन दिनों बेचारे राजू के साथ हो रहा है। हरदा ने पहले तो राजू की लंका लगा दी कि कोलकत्ता जैसा घोटाला हो रहा है। फिर कहा कि मैंने तो आरबीएस को रावत होने के बावजूद हटा दिया। राजू को क्यों नहीं हटाया जा रहा? बेचारे राजू को कार्यकाल समाप्त होने के एक महीने पहले हटना पड़ा।
जब राजू की कुर्सी छूटी तो वह मासूम फफक-फफक कर रोने लगा और कहा, आयोग में तो भर्ती माफिया सक्रिय हैं, राजनीतिक दबाव भी है। राजू इतना मासूम है कि उसे पिछले 6 साल में पता ही नहीं चला कि भर्ती आयोग में माफिया और राजनीतिज्ञों की दखल है। वो तो इस्तीफा देने से पहली रात को सपना आया और अगले दिन मीडिया को सब कुछ सच-सच कह दिया। बेचारे राजू को रोते देख हरदा ने उसे लालीपॉप दी कि वह बहुत होनहार है। ईमानदार है आदि-आदि। हरदा, आप इतने नाटक कैसे कर लेते हो? सच बोल रहा हूं, बालीवुड में होते तो अमिताभ की टक्कर के कलाकार होते। राजू अब हरदा से मिली ईमानदारी की लालीपॉप चूसकर कर चुप हो गया है।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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