जंग अभी जारी है, प्रदेश के क्रिकेट खिलाड़ियों के हितों पर सीएयू का डाका

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  • हाईकोर्ट ने मांगा खेल सचिव से जवाब, एडवोकेट विकेश नेगी की मेहनत ला रही रंग

बीसीसीआई ने क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड यानी सीएयू को वर्ष 2019 में मान्यता दी। पिछले चार साल में सीएयू ने पूरे प्रदेश में एक भी पिच नहीं बनाई, न स्टेडियम बनाया। सीएयू पदाधिकारियों पर खिलाड़ियों से पैसे मांगने के आरोप ही नहीं लगे बल्कि केस भी दर्ज हुए। बीसीसीआई ने भी लगभग 50 करोड़ दिये, पर ये पैसे खर्च हुए कहां? क्रिकेट की कौन सी बेहतरी हुई? प्रदेश कि किन खिलाड़ियों को मौका मिला? सीएयू के कोच नरेंद्र शाह ने तीन नाबालिगों का यौन शोषण किया। पोक्सो के तहत मामला भी दर्ज हुआ लेकिन मजाल क्या है कि एक दिन के लिए कोच शाह जेल गया हो। अस्पताल से सीधे घर गया। जब मैंने दून अस्पताल से आरटीआई से मांगा कि कोच ने कौन सा जहर खाया। कुछ अन्य सवाल भी थे तो दून अस्पताल प्रबंधन ने जवाब दिया कि मामला अदालत में है इसलिए जानकारी नहीं दे सकते? यह कौन सा नियम है? दून अस्पताल प्रबंधन को सूचना आयोग में इसका जवाब देना होगा।
खैर, सीएयू को लेकर एडवोकेट विकेश नेगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। इसे आज एडमिट कर लिया गया। चीफ जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल ने माना कि सीएयू में कुछ तो गड़बड़ है। यहां नेता और नौकरशाहों की मिलीभगत है। सीएयू से तीन आईएएस आफिसर जुड़े रहे हैं। पुलिस के एक आला अधिकारी का भी इन पर वरदहस्त है। ऐसे में कौन इनका कुछ बिगाड़ लेगा? जनहित याचिका में तीन प्रेयर की गयी हैं। भारत के किन्ही तीन पूर्व जजों की समिति से सीएयू और उनसे संबंध जिला संघों की वित्तीय अनियमिताओं की जांच की जाए। दूसरे जांच में दोषी पाए गये सभी सीएयू के पदाधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए और जांच होने तक अपैक्स बाडी को निलंबित कर दिया जाए। तीसरे, सीएयू के दोषी पदाधिकारियों को चुनाव लड़ने से हमेशा के लिए रोक लगे।
लेकिन चुप्पी कब तक भली? मैं पिछले एक साल से सीएयू के कारनामों पर लगातार काम कर रहा हूं। एक और सूचना दे दूं, सीएयू की अभिन्न अंग रही देवभूमि गोल्ड कप की नई संस्था को उप निबंधक सोसाइटी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसका न तो आडिट हुआ है और न ही बायलॉज का पालन हो रहा है। यह शिकायत संस्था के देवभूमि गोल्ड कप एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन कोहली ने दी है। इस पर शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। इसी गोल्ड कप से उत्तराखंड में क्रिकेट के कहे जाने वाले हीरा सिंह बिष्ट पिछले साल बाहर कर दिये गये थे।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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