- सतलुज जल विद्युत निगम एवं परोपकारी संस्थानों ने निभाई अग्रणी भूमिका
सोलन, 27 नवंबर। आज का दिन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के उपचार के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साप्ताहिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भारतवर्ष का ध्यान मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के उपचार के लिए हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित परोपकारी संगठन ’मानव मंदिर’ की ओर आकर्षित किया।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (आईएएमडी) की अध्यक्ष संजना गोयल ने कहा कि आईएएमडी परिवार प्रधानमंत्री द्वारा मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और उससे जूझने के हमारे प्रयास के प्रति दर्शाए गए करुणा भाव व प्रेरणादायी शब्दों से भीतर तक अभिभूत है और तहेदिल से प्रधानमंत्री मोदी का अभारी है।
वास्तव में आईएएमडी की इस कठिन अप्रत्याशित यात्रा में अनेक संस्थाएं सहभागी बनीं और कठिन पथ सरल-सुगम बनता गया। बीमारी से लड़ने की इस कठिन यात्रा में और सोलन में इंटीग्रेटेड मस्कुलर डिस्ट्रॉफी रिहैबिलिटेशन सेंटर, ‘मानव मंदिर’ की संरचना में बहुत सी परोपकारी संस्थाओं का प्रेरणादायी योगदान रहा है, जिसमें सतजुुल जल विद्युत निगम का नाम सर्वोपरि है। उनका अविरल सहयोग आज भी जारी है। सतलुज जल विद्युत निगम ने कॉरपोरेट सामाजित उत्तरदायित्व का निर्वाह करते हुए पग-पग पर आईएएमडी की यात्रा में न केवल सकारात्मक सहयोग दिया बल्कि सक्रिय भागीदारी से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। मुख्य महाप्रबंधक सतजुुल जल विद्युत निगम नन्द लाल शर्मा विगत आठ साल से व्यक्तिगत तौर पर आईएएमडी से संबद्ध हैं एवं इस क्षेत्र में छोटे-छोटे सहयोग से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों की जिंदगी में आशा की किरणें प्रकाशवान करने के लिए प्रयासरत हैं। इसके अतिरिक्त एसएआई इंजीनियरिंग फाउंडेशन, एनटीपीसी, आरईसी, ओएनजीसी, आईओसी, पीएफसी, इरडा आदि संस्थाएं भी मानव मंदिर के निर्माण में सहायक रही हैं। कई डॉक्टर और शैक्षिक संस्थानों के स्वयंसेवी भी निरंतर सेवा व सहयोग प्रदान करते हैं। हम हिमाचल सरकार के अविरल अनुदान के लिए उनके आभारी हैं। इन सबकी परोपकारिता एवं सहयोग के बिना मानव मंदिर की यह यात्रा असंभव थी।
प्रधानमंत्री के उत्साहवर्धन और सबकी प्रार्थनाओं एवं स्नेहवृष्टि से शीघ्र ही मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का निवारण संभव हो पाएगा।
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