दून की वादियों में बही बंगाल की सुरीली रसधार

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  • प्रख्यात ख्याल गायिका विदुषी पियू मुखर्जी ने संगीत प्रेमियों का दिल जीता
  • गुरुकुल विराम में स्वरांगन के तहत म्यूजिकल बैठक आयोजित

ख्याल, बंदिश, झूला, ठुमरी, टप्पा, दादरा, कजरी। दून की फिजाओं में कल देर शाम सुर और तान की रसधार बही। प्रख्यात ख्याल और ठुमरी गायिका विदुषी पीयू मुखर्जी ने अपने सुर से संगीत का ऐसा जादू बिखेरा कि सुनने वाले मंत्रमुग्ध हो गये। मौका था स्वरांगन के तहत संगीत बैठकी का। राजपुर रोड स्थित प्रख्यात सुर सम्राट पदमभूषण राजन-साजन मिश्रा के गुरुकुल विराम में इस बैठकी का आयोजन किया गया था। तबले पर दिल्ली से आए प्रख्यात तबलावादक पंडित शैलेंद्र मिश्रा और हारमोनियम पर पंडित सुमित मिश्रा ने संगत की।
ख्याल गायिका पीयू मुखर्जी ने लगभग दो घंटे तक लगातार अलग-अलग विधाओं में अपने सुरों का जादू बिखेरा। गौरतलब है कि पीयू मुखर्जी देश की प्रख्यात संगीत सम्राज्ञी पदमविभूषण गिरिजा देवी की शिष्या हैं। पीयू ने रवींद्र भारती विश्वविद्यालय से संगीत में शिक्षा हासिल की। पीयू ने देश-विदेश में अपने सुरों का जादू बिखेरा है। इसके अलावा शास़्त्रीय संगीत में उनकी कई वीडियो एलबम भी रिलीज हो चुकी हैं। काशी कथा इनमें से एक है, जिसको संगीत प्रेमियों ने खूब सराहा। वह आज हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की अनूठी और समृद्ध विरासत को आगे ले जाने का काम कर रही हैं। शास्त्रीय संगीत प्रेमियों ने कहा कि बैठकी के आयोजन से शास्त्रीय संगीत प्रेमियों को देश के नामी संगीतज्ञों से मिलने का अवसर मिलेगा।
स्वरांगन के आयोजक पंडित रजनीश मिश्रा ने बताया कि कोरोना के कारण संगीत बैठकी प्रभावित हुई थी। अब इसे दोबारा शुरू किया गया है। उनके अनुसार इस बैठकी का उद्देश्य देहरादून के शास्त्रीय संगीत प्रेमियों और सीखने वाले कलाकारों को एक मंच उपलब्ध किया जा रहा है।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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