शंकराचार्य आज होते तो नौकरी की लाइन में लगे होते!

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इस लिस्ट को देखिए। जिसे नौकरी मिल गयी, उनका अंग्रेजी ज्ञान देखिए। Reason और Region में अंतर नहीं पता। और देखिए बेरोजगारी या सरकारी नौकरी के लिए अंधभक्ति का आलम। नौकरी के लिए प्रतिबंधित किये गये सचिन बेनीवाल का जन्म 1983 को हुआ। यानी 40 साल की उम्र में नौकरी नहीं मिली तो पैसे देकर सरकारी नौकरी चाही। इस बंदे की गजब की हिम्मत है। सौरभ कोठरी भी 1986 में जन्मा। जेई परीक्षा में पकड़े गये। 1991 में जन्में नरेश चौहान को भी डिबार किया गया है। यानी 32 साल के नरेश की उम्र में तो यह कहा जाता है कि आदि गुरु शंकराचार्य का निधन हो गया था। जबकि उन्होंने इस उम्र में देश में हिन्दू धर्म की पताका फहरा दी थी। कहने का अर्थ यह है कि अच्छा हुआ आदि गुरु उस युग में पैदा हुए, आज होते तो नौकरी की लाइन में लगे होते।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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